Posts

Showing posts from February, 2018

अंकल की दुकान

आज अंकल की दुकान से गुजरा । दुकान का शटर बंद मिला, बहुत दिनों तक ढूँढता रहा पर अंकल से भेंट भी नहीं हुई। कुछ जानकारों से मालूम हुआ की अंकल ने दुकान बंद कर दी है और कहीं और चले गए हैं। अंदर से बड़ी मायूसी महसूस हुई, वो कोई मामूली दुकान नहीं थी वो थी हमारे अंकल की दुकान वैसे तो वो कभी भी महसूस नहीं कराते थे की वो कोई अंकल हैं। हमेशा ही बड़ी आत्मीयता से मिलते थे, जैसे कोई बहोत पुराना याराना हो। जितने अच्छे अंकल उनसे कहीं ज्यादा प्यारी उनकी दुकान। अमा अंकल की क्या वो तो हमारी ही दुकान थी वहाँ रहते-रहते कुछ इतना ज्यादा समय बीत जाता था की कभी मालूम ही नहीं होता था की ये अंकल की दुकान है की हमारी । वहीं से हमारी शुरुआत होती थी। जब कभी भी दोस्तों से मिलना होता था तो दिमाग का जीपीएस एक ही जगह टैग होता - अंकल की दुकान । वहीं  दुकान के सामने शकुंभरी कॉम्प्लेक्स की रेलिंग पर बैठे बैठे दुनिया भर मे घूमने के प्लान बनते थे और बीच बीच मे कोई न कोई भूखा कुक्कड टपक पड़ता था और मोमो, मैगी कोल्डड्रिंक चाय के दौर चला करते थे । सर्दियों मे कॉफी भी बहुत आजमाई जाती थी। उसी दुकान के सामने उस रेलिंग पर जाने क